AMU में SC-ST आरक्षण को लेकर योगी आदित्यनाथ का बड़ा बयान
देश के पैसे से चलने वाले संस्थानों में SC-ST समाज को भी आरक्षण मिलना चाहिए : योगी आदित्यनाथ
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देश के पैसे से चलने वाले संस्थान में SC-ST समाज को भी आरक्षण मिलना चाहिए : योगी आदित्यनाथ
JAY BHEEM : बाबा साहब भीमराव रामजी आंबेडकर ने एक शिक्षित समाज की कल्पना की थी और संविधान में उस शिक्षा के अधिकार को मौलिक अधिकारों में स्थान भी दिया था। लेकिन राजनैतिक षड्यंत्रों और अवसरवादिता ने दलित समाज को हमेशा दिग्भ्रमित ही किया है। 8 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा तत्कालीन जज अजीज बाशा के फैसले को पलटने के कारण आजकल मुस्लिम विश्वविद्यालय मे दलित आरक्षण का मुद्दा चर्चा में है। आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दलित समाज का पुरजोर समर्थन करते हुए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में SC-ST समाज आरक्षण देने की बात कही। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने दलितों के हिस्से के 50% आरक्षण को मुस्लिमों में को ही दे रखा है।
सन 1967 में यह मामला कोर्ट में पहुँचने पर मुस्लिम जज अजीज बाशा ने मुस्लिम संस्थान होने का दर्जा देते हुए इस संस्थान को अल्पसंख्यक का दर्ज दे दिया था जबकि देश के संविधान को मानने वालों के दिए टैक्स में से भारत सरकार इस संस्थान को चलाने के लिए पैसा देती है और जिस जमीन पर यह विश्वविद्यालय बना है उसे मुरसान रियासत के एक हिन्दू राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने लीज़ पर दी थी। राजा महेंद्र प्रताप ने साल 1929 में 1.221 हेक्टेयर (3.04 एकड़) ज़मीन 2 रुपये प्रति वर्ष की दर से विश्वविद्यालय को पट्टे पर दी थी। राजा महेन्द्र प्रताप सिंह ने यह जमीन "सभी को शिक्षा मिले'" यह सोचकर दी थी जबकि यह विश्वविद्यालय मुसलमानों की निजी प्रॉपर्टी बन कर रह गया।
वैसे ध्यान देने वाली बात है वर्तमान समय में उच्चतम न्यायालय ने लंबे समय से चल रहे 1984 के सिख विरोधी दंगों (जिन्हें कॉंग्रेस सरकार ने न्यायालय में हिन्दू सिख दंगा नाम देकर दायर किया था), राम मंदिर और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मे दलित आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मामलों पर निर्भीक फैसले दिए और टिप्पणी की।
मुझे पूरा विश्वास है कि इस केस में भी संविधान की जीत होगी।
॥ "जय भीम, जय जोगेन्द्र, जय संविधान" ॥
